पहाड़ में दूर दूर छितरे गांव। प्रत्येक का अपना इतिहास, अपनी कहानी है। यह गढ़वाल और कुमांऊ के तमाम गांवों की भौगोलिक, सामाजिक, प्राकृतिक संरचना से अवगत कराने का प्रयास है। आपका सहयोग वांछनीय है। तो लिखिये अपने गांव के बारे में और भेज दीजिए मुझे dmpant@gmail.com पर। कुछ चित्र भी होंगे तो फिर कहते हैं न चार चांद लग गये।
1..प्यारू प्यारू गांव म्यारू स्योली
2..महाभारत से संबंध रखता है भारत का आखिरी गांव
3.. सुंदरियाल फाट का सबसे बड़ा गांव है कुई
4... जब लगती थी 'गोठ' और होती थी 'गोठपुजाई'
5... रिंगाल : कलम से लेकर कंडी तक
6... मेरे गांव का कौथीग : कभी होती थी उमंग और रौनक
7... चुटकी में हुआ था एडमिशन और स्कूल में खाते थे बेंत
8- ककड़ी : जिसमें समायी हैं पहाड़ियों की यादें
1..प्यारू प्यारू गांव म्यारू स्योली
2..महाभारत से संबंध रखता है भारत का आखिरी गांव
3.. सुंदरियाल फाट का सबसे बड़ा गांव है कुई
4... जब लगती थी 'गोठ' और होती थी 'गोठपुजाई'
5... रिंगाल : कलम से लेकर कंडी तक
6... मेरे गांव का कौथीग : कभी होती थी उमंग और रौनक
7... चुटकी में हुआ था एडमिशन और स्कूल में खाते थे बेंत
8- ककड़ी : जिसमें समायी हैं पहाड़ियों की यादें
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