शनिवार, 9 फ़रवरी 2019

स्वस्थ जीवन और फिटनेस का मूलमंत्र बन गया है 'वीगन'

             क्या आप बता सकते हैं कि भारत का सबसे फिट खिलाड़ी कौन है? मुझसे पूछा जाएगा तो मैं झट से विराट कोहली का नाम लूंगा। कोहली ने फिटनेस के लिये जीवनशैली पूरी तरह से बदल दी है। वह शुद्ध शाकाहारी बन गये हैं। असल में वह वीगन (Vegan) बन चुके हैं। इसका मतलब है कि उन्होंने मांस ही नहीं बल्कि दुग्ध उत्पादों का भी त्याग कर दिया है। इससे उन्हें अधिक ऊर्जावान और फिट बनने में मदद मिली। कोहली की पहल पर भारतीय फुटबाल टीम के कप्तान सुनील छेत्री वीगन बने और उन्हें अपनी फिटनेस में सकारात्मक बदलाव नजर आये। सेरेना विलियम्स को तो आप जानते ही हैं। एक बच्चे की मां और 37 साल की सेरेना आज भी टेनिस कोर्ट पर अपने से आधी उम्र की युवा खिलाड़ियों के छक्के छुड़ाती हैं। सेेरेना भी शुद्ध शाकाहारी यानि वीगन हैं। इसकी प्रेरणा उन्हें अपनी बड़ी बहन वीनस विलियम्स से मिली। 
             फार्मूला वन में अभी चोटी के रेसिंग ड्राइवर लुई हैमिल्टन भी वीगन हैं। फुटबालर लियोनेल मेस्सी मांस या दुग्ध उत्पादों का सेवन नहीं करते क्योंकि वह खुद को फिट रखना चाहते है। उन्होंने  Nutritionist (पोषण विशेषज्ञ) की सलाह पर ऐसा किया और पाया कि इससे उनके शरीर में सकारात्मक बदलाव हो रहे हैं। अर्जेंटीना के उनके साथी सर्जियो एगुएरा, कोलंबिया के सेबे​स्टियन पेरेज, इंग्लैंड के जर्मेन डेफो जैसे कई अन्य फुटबालर वीगन हैं। माइक टायसन का नाम तो आपने सुना ही होगा। कभी होलीफील्ड का कान चबाने वाला एक मुक्केबाज 2013 में वीगन बन गया था। उनका कहना है, ''वीगन बनने से मुझे स्वस्थ जिंदगी जीने का एक और मौका मिला।'' एक अन्य हैवीवेट मुक्केबाज डेविड हेय भी वीगन हैं। सूची बहुत लंबी जिसमें महान धावक कार्ल लुईस, आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज पीटर सिडल, टीएनए विश्व चैंपियन पहलवान एस्टिन एरीज आदि आदि शामिल हैं। 
        अब भारतीयों की बात करते हैं। हमारी संस्कृति शाकाहार से जुड़ी है। हमारे रिषि मुनि वीगन हुआ करते थे। हिमालय में धुनि रमाये रखने वाला साधु वीगन होता है। कोई भी असली साधु वीगन होता है जिससे उन्हें विषम परिस्थितियों में भी खुद को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। भारत में पिछले दो दशकों से 'जिम' की नयी संस्कृति पैदा हुई जिसने भारतीयों के दिमाग में एक बात भरी कि अगर बॉडी—शॉडी बनानी है तो अंडे खाओ, मांस भक्षण करो, खूब प्रोटीन खाओ। यहां तक कि दूध में अंडा मिलाकर खाने का बेहद ही घृणित और विरोधाभासी भोजन करने की सलाह ये नासमझ जिम वाले देते हैं। इसके लिये वे प्रोटीनयुक्त पाउडर की सिफारिश भी करते हैं जिसमें शक्तिवर्धक दवाईयों की अधिकता होती है। अगर इस तरह के भोजन से ही ताकतवर बनना है तो जिम जाने की क्या जरूरत? विभिन्न जिम के इन नासमझ और अधकचरे ट्रेनर के चंगुल में फंसे तमाम लोगों को बता दूं कि जो तस्वीर मैंने यहां पर लगायी है वह बर्नी डुप्लेसिस की है जो शुद्ध शाकाहारी यानि वीगन हैं। वह बॉडी बिल्डर हैं और उन्हें 2014 में मिस्टर यूनीवर्स चुना गया था। इससे कई वर्ष पहले वह वीगन बन गये थे। आप गूगल में Alexander Dargatz, Patrik Baboumian, Dominick Thompson, Nimai Delgado, Samantha Shorkey, Anastasia Zinchenko, Karl Bruder, Victoria Lissack आदि के नाम सर्च कर लो। ये सभी बॉडी बिल्डर हैं और वीगन हैं। 
        वीगन बनने का मतलब है कि कोलस्ट्राल और हृदयगति से लेकर एकाग्रता और रात को अच्छी नींद सभी में सुधार। आप मांस, अंडे और दुग्ध उत्पाद छोड़ दीजिए और फिर देखिये सकारात्मक परिवर्तन। मैं बचपन से शुद्ध शाकाहारी हूं और दुग्ध उत्पादों ने कभी मुझे लुभाया नहीं। इसलिए कई बार वीगन बनने का मन किया। अब संकल्प ले लिया है। .... और हां कितने लोग मेरा अनुसरण कर रहे हैं?
आपका धर्मेन्द्र पंत

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